Friday 30 November 2018

एक ही


एक ही



एक ही अंत  है जीवन का, मृत्यु आती है |
एक ही सच है कि हर झूँठ की, उम्र पूरी हो जाती है |

एक ही सूरज की रौशनी है, जो अँधेरे के बाद आती है |
एक ही छोटी सी खुशी, ग़मगीन चेहरे को हंसी दे जाती है |

एक ही प्यार है दुनिया में, जो माँ अपने बच्चे को दे पाती है |
एक ही एहमियत है जो इंसान के, जाने के बाद महसूस की जाती है |

एक ही ज़रूरत अहम् है, जो प्यासे को नज़र आती है |
एक ही विश्वास है जिससे, ताकत बेजान मूर्ति में दिख जाती है |

एक ही सच्चे आंसू की बूँद, पत्थर दिल को तोड़ पाती है |
एक ही इच्छा है कि, दुसरो से पहले अपनी पूरी की जाती है |

एक ही प्यारी बोली दिल में, अपनी छाप छोड़ पाती है
एक ही कड़वी कही बात, रिश्तों को तोड़ जाती है |

एक ही इज़्ज़त है जो, अपने व्यव्हार से आती है |
एक ही फल है जिसकी मिठास, अपने कर्मों से ली जाती है |

मुझे तू याद हैं ...

आज हिंदी दिवस पर यह कविता मैंने अपने पिता जी की याद में लिखी है जिन्हे मैंने इसी वर्ष अप्रैल मैं खोया है।  हालाँकि उनका देहांत ४ मई को हुआ प...